उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे लगभग डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज दिया है। यह जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई।
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे लगभग डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों को योगी सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया गया है। यह जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में दी गई।
2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस पर सरकार को निर्देश दिया था कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय देने के लिए एक समिति का गठन किया जाए। सरकार ने इस आदेश का पालन करते हुए शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि इस समिति ने 9 अगस्त 2024 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। मानदेय वृद्धि से होने वाले वित्तीय बोझ को देखते हुए यह रिपोर्ट अब वित्त विभाग के पास विचाराधीन है।
खबर के मुख्य बिंदु:
- मानदेय बढ़ाने की तैयारी:
योगी सरकार ने डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि के लिए वित्त विभाग को रिपोर्ट भेजी है। - कोर्ट के निर्देश पर समिति गठन:
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। - फाइनेंशियल बोझ का विश्लेषण:
मानदेय बढ़ाने से सरकारी खजाने पर बड़ा भार पड़ेगा। - अवमानना याचिका:
कोर्ट में शिक्षामित्रों की ओर से मानदेय बढ़ाने में देरी को लेकर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। - आने वाले फैसले की उम्मीद:
सरकार की ओर से मानदेय वृद्धि पर जल्द ही औपचारिक निर्णय लिया जा सकता है।
यह खबर उन शिक्षामित्रों के लिए राहत लेकर आ सकती है जो लंबे समय से सम्मानजनक मानदेय की मांग कर रहे थे। अब सभी की नजरें सरकार के अंतिम फैसले पर टिकी हुई हैं।