कविता: बड़े सबेरे मुर्गा बोला

बड़े सबेरे मुर्गा बोला,
चिड़ियों ने अपना मुँह खोला।
आसमान पर लगा चमकने,
लाल लाल सोने का गोला।
ठंडी हवा बही सुखदाई,
सब बोले दिन निकला भाई।


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