खीरा – ककड़ी
कल खीरे से, बोली ककड़ी ।
कद्दू की बतिया, खा गई बकरी।
खीरा बोला, क्यों री ककड़ी!
देखी थी तो, क्यों न पकड़ी?
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खीरा – ककड़ी
कल खीरे से, बोली ककड़ी ।
कद्दू की बतिया, खा गई बकरी।
खीरा बोला, क्यों री ककड़ी!
देखी थी तो, क्यों न पकड़ी?