Bachcho ki kahani: उड़ने की कहानी | The Story of Flying | Inspirational Story

Falcon soaring high in the sky representing the power of recognizing potentialDon't let comfort hold you back; recognize your wings and fly high.

यह प्रेरणादायक कहानी (Inspirational Story )सिखाती है कि हम सभी में ऊंची उड़ान भरने की क्षमता है। अपनी ताकत को पहचानें और आलस्य को छोड़कर अपने सपनों को साकार करें। पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें।

बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था जो बहुत ही दयालु और पशु-पक्षियों से प्रेम करने वाला व्यक्ति था। उसके राज्य में एक बहुत बड़ा पक्षी अभयारण्य था, जहां कई तरह के पक्षी और जानवर रहते थे। राजा को पक्षियों और जानवरों को नुकसान पहुंचाना बिल्कुल पसंद नहीं था। वह उनका शिकार नहीं करता था, यहां तक कि भोजन के लिए भी नहीं।

एक दिन, राजा के इस दयालु स्वभाव से प्रभावित होकर एक व्यापारी ने उसे दो खूबसूरत बाज तोहफे में दिए। ये बाज एक अलग जलवायु के आदी थे। राजा ने व्यापारियों का धन्यवाद किया और अपने मुख्य पक्षी प्रशिक्षक को आदेश दिया कि वे इन बाजों की देखभाल करें और उन्हें यहां के माहौल में ढलने में मदद करें।

प्रशिक्षक ने बाजों को आरामदायक माहौल दिया और उनकी अच्छे से देखभाल की। कुछ समय बाद, दोनों बाज उस नए वातावरण में ढल गए।

कुछ दिनों बाद, राजा को यह जानने की इच्छा हुई कि बाज कितनी ऊंचाई और कितनी तेजी से उड़ सकते हैं। उसने पक्षी प्रशिक्षक को बुलाकर कहा कि बाजों को उड़ने के लिए आज़ाद करें।

जब प्रशिक्षक ने पहला बाज उड़ने के लिए छोड़ा, तो वह तुरंत आसमान की ऊंचाई पर तेज गति से उड़ने लगा। वह इतनी ऊंचाई पर गया कि राजा भी उसकी उड़ान देखकर हैरान रह गया। कुछ ही मिनटों में वह वापस लौट आया। राजा ने उसकी इस उड़ान से खुश होकर प्रशिक्षक को सोने के सिक्कों से भरा थैला इनाम में दिया।

इसके बाद राजा ने दूसरे बाज के बारे में पूछा। प्रशिक्षक ने दुखी होकर कहा, “महाराज, दूसरा बाज पहले दिन से ही अपनी शाखा पर बैठा है। मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन वह हिलने को तैयार नहीं है।”

राजा ने उसकी बात सुनी और उसे समझाया कि वह चिंता न करे। उन्होंने कहा कि वे किसी और अनुभवी व्यक्ति को बुलाएंगे, जो इस बाज को उड़ना सिखा सके।

राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवाई कि जो कोई भी इस बाज को उड़ना सिखा देगा, उसे इनाम दिया जाएगा।

घोषणा सुनकर एक बूढ़ा व्यक्ति राजा के पास आया। उसने राजा से कहा, “महाराज, मैं इस बाज को उड़ना सिखा सकता हूं।”

राजा ने तुरंत पक्षी प्रशिक्षक को उस बूढ़े व्यक्ति के साथ अभयारण्य भेजा और कहा कि वह अगले दिन आकर देखेगा कि बाज उड़ता है या नहीं।

अगले दिन, राजा जब अभयारण्य पहुंचा, तो वह देखकर हैरान रह गया कि दूसरा बाज भी बहुत ऊंचाई पर तेज़ गति से उड़ रहा था। राजा ने खुशी से बूढ़े व्यक्ति को सोने के सिक्कों से भरा थैला इनाम में दिया।

इसके बाद राजा ने बूढ़े व्यक्ति से पूछा, “आपने ऐसा क्या किया जिससे यह बाज उड़ने लगा?”

बूढ़े व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “महाराज, मैंने कुछ खास नहीं किया। मैंने बस उस शाखा को काट दिया जिस पर बाज बैठा रहता था।”

यह सुनकर राजा ने सिर हिलाया और समझा कि कभी-कभी हमें खुद को आगे बढ़ाने के लिए अपनी आरामदायक स्थिति को छोड़ना पड़ता है।

शिक्षा:
हम सभी के पास उड़ने की क्षमता होती है। हमें पता होता है कि कहां जाना है और कैसे जाना है। लेकिन अक्सर हम आराम की आदतों या आलस्य की वजह से अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं करते।

जब आपके पास उड़ने के पंख हैं, तो क्यों बैठे रहना? अपने डर और आलस्य को छोड़कर उड़ान भरें और अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करें।


The Story of Flying

Once upon a time, there was a kind and compassionate king who loved animals and birds. He had a vast bird sanctuary in his kingdom where many species of birds and animals lived peacefully. The king disliked harming animals or birds and refrained from hunting them, even for food.

One day, a merchant, impressed by the king’s kindness, gifted him two beautiful falcons. These falcons were accustomed to a different climate. The king thanked the merchant and instructed his chief bird trainer to take good care of them and help them adapt to the new environment.

The trainer provided the falcons with a comfortable space and looked after them well. Over time, the birds adjusted to the kingdom’s climate.

One day, the king wished to see the falcons fly. He called the trainer and asked him to let the falcons out. When the first falcon was released, it soared high into the sky at incredible speed. It climbed to great heights and returned swiftly.

The king was amazed by its flight and rewarded the trainer with a bag full of gold coins. Then, curious about the second falcon, he asked the trainer about it.

The trainer sighed and said, “Your Majesty, the second falcon has not moved from its branch since the day it arrived. Despite my best efforts, it refuses to fly.”

The king listened carefully and assured the trainer not to worry. He decided to seek help from someone else to train the falcon.

The king announced across his kingdom that whoever could make the second falcon fly would be rewarded.

Hearing the announcement, an old man approached the king and said, “Your Majesty, I can make the falcon fly.”

The king sent the old man to the sanctuary with the trainer and said he would visit the next day to see the results.

The following day, when the king arrived at the sanctuary, he was astonished to see the second falcon soaring high in the sky, just like the first one. The king was overjoyed and rewarded the old man with a bag full of gold coins.

Curious, the king asked the old man, “What did you do to make the falcon fly?”

The old man smiled and replied, “Your Majesty, I did nothing extraordinary. I simply cut the branch the falcon was sitting on.”

The king nodded thoughtfully, realizing an important truth: sometimes, to push ourselves forward, we must let go of the comforts holding us back.

Moral of the Story:
We all have the ability to fly high and achieve great things. We know our potential, but often, we stay stuck in our comfort zones due to laziness or fear.

Don’t hold back when you have the wings to fly. Let go of your fears, overcome your hesitations, and soar to your highest potential.

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By SARIKA

My name is SARIKA. I have completed B.Ed and D.El.Ed. I am passionate about teaching and writing. Driven by this interest, I am associated with the Basic Shiksha Portal. My goal is to contribute to the field of education and provide helpful resources for children's development.

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