यूपी बोर्ड परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव: अब वैचारिक समझ होगी प्राथमिकता

यूपी बोर्ड परीक्षा पैटर्न में बदलाव: एनईपी 2020 के तहत वैचारिक समझ पर आधारित नई संरचना।एनईपी 2020 के तहत यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों में हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स (HOTS) और नई संरचना लागू करने की तैयारी।

उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की संरचना में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत, छात्रों की वैचारिक समझ को बढ़ावा देने के लिए सरल, सामान्य और कठिन प्रश्नों के अनुपात में परिवर्तन किया जाएगा। यह बदलाव 2026 से लागू होने की संभावना है।


विस्तार :

उत्तर प्रदेश बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 तक की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के प्रारूप में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण से लिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में रटने की प्रवृत्ति को कम कर उनकी वैचारिक और तार्किक समझ को बढ़ावा देना है।

प्रमुख बदलाव:
यूपी बोर्ड द्वारा 15 दिसंबर से पहले एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें विशेषज्ञ निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा करेंगे:

  • प्रश्नपत्रों में हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स (HOTS) का अनुपात।
  • सरल, सामान्य और कठिन प्रश्नों की संख्या।
  • छात्रों की मूल क्षमताओं और योग्यताओं का परीक्षण।

वैचारिक समझ पर जोर:
प्रश्नपत्रों में इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य कोचिंग संस्कृति से छात्रों को मुक्त करना और उन्हें केवल परीक्षा पास करने के लिए रटने की प्रवृत्ति से बचाना है। इससे छात्रों को व्यापक ज्ञान के साथ बेहतर मूल्यांकन का मौका मिलेगा।

2026 से लागू होगा नया प्रारूप:
प्रश्नपत्र की नई संरचना को तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे 2026 से लागू किया जाएगा।

शिक्षा में सुधार:
बोर्ड परीक्षा का नया प्रारूप इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि यह महीनों की कोचिंग के बजाय छात्रों की सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता का आकलन करे।


मुख्य बिंदु :

  • एनईपी 2020 के तहत प्रश्नपत्रों की संरचना बदलेगी।
  • 15 दिसंबर से पहले दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
  • हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स (HOTS) पर ज़ोर।
  • 2026 से नई संरचना लागू होने की संभावना।
  • कोचिंग संस्कृति को कम करने और वैचारिक समझ बढ़ाने पर फोकस।

The UP Board is set to revamp the exam pattern for high school and intermediate exams in alignment with the National Education Policy (NEP) 2020. The new structure, focusing on conceptual clarity rather than rote learning, is expected to be implemented from 2026.

Details :

The Uttar Pradesh Board has initiated the process of redesigning the question papers for classes 9 to 12. This decision aligns with the objectives of NEP 2020, aimed at reducing rote learning and promoting conceptual and analytical understanding among students.

Key Developments:
The board will conduct a two-day workshop before December 15, where experts will discuss the following:

  • Inclusion ratio of High Order Thinking Skills (HOTS) in question papers.
  • Distribution of easy, moderate, and difficult questions.
  • Testing students’ core competencies and abilities.

Focus on Conceptual Understanding:
The primary goal of this revamp is to reduce students’ reliance on coaching centers and rote memorization. Instead, the new pattern will evaluate students’ ability to think critically and solve problems logically.

Implementation from 2026:
Once finalized, the new question paper structure will be sent for approval to the state government and is likely to be implemented from the 2026 examinations.

Educational Reform:
This initiative aims to shift the focus from months of coaching to evaluating students’ innate skills and comprehensive understanding.


Key Highlights:

  • NEP 2020 prompts a new question paper format.
  • Two-day workshop before December 15 for expert discussions.
  • Emphasis on High Order Thinking Skills (HOTS).
  • Likely implementation from 2026.
  • Aimed at reducing coaching dependency and fostering conceptual clarity.

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