पल्स पोलियो अभियान 2024: बच्चों के स्वस्थ भविष्य की ओर एक मजबूत कदम
उत्तर प्रदेश में बच्चों को पोलियो जैसी खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए एक बड़े स्तर पर पल्स पोलियो अभियान का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान कल 8 December से शुरू होकर 14 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें प्रदेशभर के 3.29 करोड़ बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी।
अभियान की विशेषताएं
- पोलियो मुक्त प्रदेश: उत्तर प्रदेश 15 वर्षों से पोलियो मुक्त है। आखिरी पोलियो केस 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में पाया गया था।
- पड़ोसी देशों का खतरा: पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में पोलियो संक्रमण अब भी मौजूद है। इस संक्रमण को देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए यह अभियान हर साल आयोजित किया जाता है।
- सभी आयु वर्ग के लिए कवरेज: नवजात से लेकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की ड्रॉप पिलाई जाएगी।
- लक्ष्य क्षेत्र: प्रदेश के 8723 घुमंतू क्षेत्रों में 70528 परिवारों को चिन्हित किया गया है।
कैसे चलेगा अभियान?
- बूथ स्तर पर शुरुआत: अभियान के पहले दिन, 110648 बूथों पर दवा पिलाई जाएगी।
- घर-घर सेवा: 9 दिसंबर से 14 दिसंबर तक 69316 टीमें घर-घर जाकर बच्चों को दवा देंगी।
- विशेष टीमें: 7190 ट्रांजिट टीमें और 3419 मोबाइल टीमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, ईंट भट्टे और निर्माण स्थलों पर मौजूद बच्चों तक पहुंचेंगी।
सफलता सुनिश्चित करने के प्रयास
अभियान को सफल बनाने के लिए 25331 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। साथ ही, अभियान से पहले तहसील स्तर पर बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें सभी विभागों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए गए। ग्राम प्रधान, पंचायत विकास अधिकारी, शिक्षा और बाल विकास विभाग भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
पल्स पोलियो अभियान का महत्व
पोलियो एक संक्रामक रोग है जो मुख्यतः छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। इसके वायरस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर आक्रमण कर सकते हैं, जिससे बच्चों को जीवनभर के लिए लकवा हो सकता है। हालाँकि, दो बूंद पोलियो की दवा से इस बीमारी से बचाव संभव है।
पल्स पोलियो के लाभ
- बच्चों को जीवनभर के लिए पोलियो से सुरक्षा।
- समुदाय में पोलियो वायरस का उन्मूलन।
- बच्चों का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना।
अभियान को लेकर सामान्य ज्ञान
- पोलियो की खोज: पोलियो का पहला टीका 1955 में डॉ. जोनास साल्क ने विकसित किया था।
- पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है।
- भारत की उपलब्धि: 2014 में भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पोलियो मुक्त घोषित किया।
FAQ
प्रश्न 1: पोलियो क्या है?
उत्तर: पोलियो एक वायरसजनित संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
प्रश्न 2: पोलियो से बचाव के लिए दवा कब दी जाती है?
उत्तर: पोलियो की दवा राष्ट्रीय पोलियो अभियान के तहत साल में दो बार दी जाती है।
प्रश्न 3: क्या पोलियो पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
उत्तर: पोलियो का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे दो बूंद पोलियो ड्रॉप्स से रोका जा सकता है।
प्रश्न 4: क्या पोलियो वैक्सीन सुरक्षित है?
उत्तर: हां, पोलियो वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है।
प्रश्न 5: क्या पोलियो की दवा सभी बच्चों को दी जानी चाहिए?
उत्तर: हां, सभी शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को यह दवा दी जानी चाहिए, भले ही उन्होंने नियमित टीकाकरण लिया हो।
पल्स पोलियो अभियान का उद्देश्य न केवल बच्चों को पोलियो मुक्त बनाना है, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण करना भी है। हर माता-पिता को चाहिए कि वे इस अभियान में भाग लें और सुनिश्चित करें कि उनका बच्चा पोलियो से सुरक्षित रहे।