उत्तर प्रदेश में सरकार की योजना के तहत, प्रदेश के विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 2402 शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य जारी है। हाल ही में तीसरे और चौथे बैच के लगभग 200 शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हुआ। इस पहल से विद्यार्थियों के भविष्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद मिलेगी और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। ‘लर्निंग बाई डूइंग’ के सिद्धांत पर आधारित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को व्यावसायिक कौशल और रोजगार के अवसरों से संबंधित शिक्षा दी जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
शनिवार को लखनऊ स्थित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों को मार्गदर्शन किया और कहा कि यह कदम विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने सरकार की इस पहल को शिक्षा व्यवस्था में एक नई दिशा देने वाला बताया।
विभागीय अधिकारियों और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
इस समापन सत्र में विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ विशेषज्ञों ने भी शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया। माधवजी तिवारी, अपर निदेशक बी. डी. चौधरी, डॉ. फैजान इनाम, रंजीत सिंह जैसे विशेषज्ञों ने ‘लर्निंग बाई डूइंग’ कार्यक्रम की सराहना की और इसे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उच्च प्राथमिक, कंपोजिट, पीएम श्री विद्यालयों और पायलट प्रोजेक्ट से चयनित कुल 2402 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है। इसमे 1772 शिक्षक उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों से हैं, जबकि 570 शिक्षक पीएम श्री विद्यालयों और 60 शिक्षक विज्ञान और गणित से जुड़े हैं। यह चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को विभिन्न विधाओं में पारंगत करने के लिए आयोजित किया गया है।