11 नवंबर – आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर, पूरे भारत में पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती मनाई जा रही है। इस दिन का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व को उजागर करना है। वर्ष 2024 का शिक्षा दिवस “सर्वसमावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” थीम के तहत मनाया जा रहा है, जो शिक्षा में समान अवसर, रचनात्मकता, और भावनात्मक समझ विकसित करने पर जोर देता है।
मुख्य बिंदु:
- जयंती का अवसर: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए 11 नवंबर को हर वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
- 2024 की थीम: इस वर्ष की थीम “सर्वसमावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” है, जो बदलते समय के अनुसार आवश्यक कौशल और ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करती है।
- शिक्षा का महत्त्व: यह दिवस शिक्षा की अनिवार्यता और अधिकार को जागरूकता के रूप में प्रकट करता है, जो समाज के हर व्यक्ति को सशक्त बनाता है।
- सरल एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: मौलाना आज़ाद के सपनों को साकार करने की दिशा में, यह दिन देश के शिक्षा तंत्र में हो रहे सुधारों पर भी ध्यान दिलाता है।
- इतिहास: मौलाना आज़ाद की शिक्षाओं और दृष्टिकोण को याद करते हुए, सरकार ने 2008 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
विस्तृत जानकारी:
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान था। स्वतंत्रता के बाद वे देश के पहले शिक्षा मंत्री बने और भारतीय शिक्षा प्रणाली की नींव रखने में मुख्य भूमिका निभाई। उनका मानना था कि शिक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है और इसके बिना देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का भी समर्थन किया।
इस वर्ष की थीम, “सर्वसमावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,” का उद्देश्य शिक्षा के जरिए हर वर्ग तक पहुँच सुनिश्चित करना और छात्रों में केवल अकादमिक सफलता ही नहीं, बल्कि विचारशीलता, रचनात्मकता, और भावनात्मक बुद्धिमता का भी विकास करना है।
कार्यक्रम और गतिविधियाँ:
आज के दिन, देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं:
- विशेष प्रार्थना सभाएँ, जिनमें आज़ाद के सपनों और उनकी शिक्षा पर दृष्टिकोण को साझा किया जाता है।
- शिक्षा के मुद्दों पर कार्यशालाएँ और सेमिनार, जिसमें शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर वर्तमान चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा करते हैं।
- निबंध प्रतियोगिताएँ, भाषण, और अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं, ताकि छात्र शिक्षा के महत्त्व को समझ सकें और इस क्षेत्र में सुधार के बारे में अपने विचार व्यक्त कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का संदेश है कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण और सबके लिए उपलब्ध शिक्षा पर ध्यान देना अनिवार्य है। यह दिन शिक्षा के लिए मौलाना आज़ाद के विचारों को अपनाते हुए आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और सशक्त बनाने का आह्वान करता है।