मध्यान्ह भोजन योजना: रसोइयों के प्रशिक्षण के लिए निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना (पीएम पोषण) के तहत सरकारी स्कूलों में रसोइयों के प्रशिक्षण को लेकर नए निर्देश जारी किए गए हैं। योजना के तहत नवंबर और दिसंबर 2024 में “नवीन पोषणा प्रशिक्षण फिल्म” के माध्यम से सभी रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य भोजन की गुणवत्ता सुधारना और छात्रों को पोषणयुक्त भोजन प्रदान करना है।
मध्यान्ह भोजन योजना, जो छात्रों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए अहम है, में सुधार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नई पहल शुरू की है। योजना के तहत स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रशिक्षण प्रधानाध्यापक और इंचार्ज अध्यापक की देखरेख में आयोजित किया जाएगा।
इस बार प्रशिक्षण के लिए “नवीन पोषणा प्रशिक्षण फिल्म” का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, रसोइयों को भोजन पकाने, साफ-सफाई बनाए रखने और सुरक्षा मानकों का पालन करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। प्रशिक्षण का आयोजन नवंबर और दिसंबर 2024 में किया जाएगा, और इसके परिणाम 10 जनवरी 2025 तक रिपोर्ट किए जाएंगे।
प्रमुख निर्देश:
- रसोइयों को भोजन पकाने से पहले गैस स्टोव और रेगुलेटर की जांच करनी होगी।
- भोजन में साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा।
- भोजन पकाने में आयोडीन युक्त नमक और एगमार्क तेल का ही उपयोग होगा।
- किचन में चूहे, कीड़े या छिपकली न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
- बच्चों को भोजन परोसने से पहले रसोइया/अध्यापक भोजन चखेंगे।
- बच्चों को पंक्तिबद्ध बैठाकर भोजन कराया जाएगा, और उनके हाथ धुलवाए जाएंगे।
- किचन में केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।
- भोजन हमेशा ताजा और गर्म परोसा जाएगा।
प्रशिक्षण के बाद चर्चा के मुख्य बिंदु:
- रसोइयों की व्यक्तिगत सफाई और किचन की सुरक्षा पर ध्यान देना।
- अनाज और सब्जी की सफाई के तरीके।
- पके हुए भोजन को ढककर सुरक्षित रखना।
- खाद्य सामग्री की जांच और उचित रखरखाव।
रिपोर्टिंग प्रारूप:
जनपद स्तर पर रसोइयों के प्रशिक्षण की प्रगति की रिपोर्ट 10 जनवरी 2025 तक प्राधिकरण को भेजनी होगी।
यह पहल छात्रों को सुरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय पर प्रशिक्षण सुनिश्चित करें।