कविता: अच्छे बच्चे

मात पिता को शीश झुकाते I

नियम बनाकर रोज नहाते I

हँसते हँसते पढ़ने जाते I

नहीं पढ़ाई से घबराते I

पढ़ लिखकर सीधे घर आते I

वे अच्छे बच्चे कहलातेI


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