एक बार की बात है, एक सुंदर मोर जंगल में अपने दोस्तों के साथ रहता था। मोर का नाम मोहित था, और उसकी पूंछ बहुत सुंदर थी। मोहित को अपनी खूबसूरत पूंछ पर बहुत घमंड था, और वह अक्सर अपनी पूंछ को फैलाकर घूमता रहता था।
एक दिन जंगल में एक बडा तूफान आया।
पेड़ गिरने लगे और सब जानवर डर गए। मोहित भी डर गया और अपनी पूंछ को ठीक से छुपाने की कोशिश करने लगा। तभी एक छोटा सा खरगोश आया और मोहित से कहा,
“तुम्हारी खूबसूरत पूंछ को देखने की बजाय, हमें अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए।”
मोहित थोड़ी देर के लिए चुप रहा, लेकिन फिर उसने महसूस किया कि दूसरों की मदद करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। मोहित ने खरगोश की बात मानी और सभी जानवरों को तूफान से बचने के लिए एक सुरक्षित स्थान पर ले गया। जब तूफान शांत हुआ, तब सभी जानवर मोहित का धन्यवाद करने आए। मोहित ने समझा कि केवल बाहरी सुंदरता से कुछ नहीं होता, बल्कि दिल से मदद करना सबसे जरूरी है।