गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। यह दिन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने जाति, धर्म और समाज में व्याप्त भेदभाव का विरोध किया और समानता, भाईचारे और मानवता का संदेश दिया। उनके उपदेशों को “गुरु ग्रंथ साहिब” में संग्रहीत किया गया है, जिसे सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ माना जाता है। गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर और भक्ति गीतों का आयोजन होता है, जिसमें सभी धर्मों के लोग श्रद्धा से भाग लेते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, और यह माना जाता है कि स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर होते हैं। श्रद्धालु पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं। वाराणसी जैसे स्थानों पर गंगा महोत्सव का आयोजन होता है, जहाँ लोग दीपदान कर भगवान को श्रद्धा अर्पित करते हैं। यह पर्व धार्मिक भक्ति और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।