उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों की सवा लाख छात्राओं को वित्तीय साक्षरता में दक्ष बनाने का निर्णय लिया है। ‘मिशन शक्ति’ के तहत इन छात्राओं को बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, बीमा और बजट प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण वित्तीय सेवाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे वित्तीय मामलों में समझदार और जिम्मेदार बन सकें।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ-साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राओं को वित्तीय साक्षरता में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना का संचालन ‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत किया जाएगा, जो महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। इस प्रशिक्षण में छात्राओं को घर का बजट बनाना, आय में से बचत करना और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करना सिखाया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें डिजिटल भुगतान और बीमा जैसी सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
इस वित्तीय साक्षरता अभियान का लक्ष्य 31 दिसंबर 2024 तक पूरा करना है, जिसमें बालिकाओं को यह समझाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि अनावश्यक खर्चों में कटौती कर कैसे बचत की जा सकती है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने यह पहल शुरू की है, और इसके लिए करीब 3000 नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से छात्राओं को आर्थिक मामलों में दक्ष बनाने का प्रयास है ताकि वे आने वाले जीवन में अपने परिवार और समाज में अपनी वित्तीय भूमिका को बेहतर ढंग से निभा सकें।
मुख्य बिंदु:
- बचत करने के साथ ही बैंकिंग सेवाओं की जानकारी प्राप्त करेंगी छात्राएं
- मिशन शक्ति के तहत दिसंबर 2024 तक पूरा होगा प्रशिक्षित करने का अभियान
- छात्राओं को घर का बजट, बचत प्रबंधन और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करना सिखाया जाएगा
- डिजिटल भुगतान, बीमा और अन्य वित्तीय विषयों पर भी मिलेगी जानकारी
- तीन हजार नोडल शिक्षक करेंगे छात्राओं का प्रशिक्षण
- प्रशिक्षण प्राप्त छात्राओं को दिया जाएगा प्रमाण पत्र
- प्रशिक्षित छात्राएं समझेंगी कैसे अनावश्यक खर्चों में कटौती कर बचत कर सकते हैं
- अगले माह से स्कूलों में विशेष अभियान के तहत वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण की शुरुआत