बेसिक शिक्षा परिषद ने कक्षा तीन के विद्यार्थियों के लिए हिंदी, गणित, पर्यावरण, उर्दू और अंग्रेजी विषय की पुस्तकों के नाम बदलने की तैयारी की है। नए सत्र से बच्चों को इन नए नामों वाली किताबें पढ़ाई जाएंगी। एनसीईआरटी द्वारा बनाई गई इन पुस्तकों को प्रदेश के अनुकूल कस्टमाइज किया गया है ताकि बच्चों को बेहतर ढंग से समझ आ सके।
पूरी खबर:
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में कक्षा तीन के लिए नई पुस्तकों का आगमन होने जा रहा है। नए सत्र से कक्षा तीन के बच्चों को अलग-अलग नाम वाली किताबें पढ़ाई जाएंगी, जिनमें हिंदी की पुस्तक का नाम ‘वीणा – 1’, गणित की ‘गणित मेला’, पर्यावरण की ‘हमारा अद्भुत संसार’, उर्दू की ‘सितार’ और अंग्रेजी की ‘संतूर’ होगा। प्रदेश के विशेष संदर्भों के अनुसार इन पुस्तकों को कस्टमाइज किया गया है, ताकि बच्चों के लिए पढ़ाई को आसान और दिलचस्प बनाया जा सके।
इस बदलाव के पीछे राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की अहम भूमिका है, जो एनसीईआरटी की किताबों को प्रदेश के अनुरूप संशोधित कर रही है। नए सत्र में इन किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इनका प्रिंटिंग कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- कक्षा तीन के विषयों की पुस्तकों के नाम में बदलाव:
- हिंदी: ‘पंखुड़ी’ के स्थान पर ‘वीणा – 1’
- गणित: ‘अंकों का जादू’ के स्थान पर ‘गणित मेला’
- पर्यावरण: ‘हमारा परिवेश’ के स्थान पर ‘हमारा अद्भुत संसार’
- उर्दू: ‘उर्दू जबां’ के स्थान पर ‘सितार’
- अंग्रेजी: ‘रेनबो’ के स्थान पर ‘संतूर’
- एनसीईआरटी का कस्टमाइजेशन: एनसीईआरटी की पुस्तकों को राज्य के संदर्भ में कस्टमाइज किया गया है।
- समय पर उपलब्धता: नए सत्र के लिए समय पर पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु शीघ्र प्रिंटिंग होगी।
- एससीईआरटी का योगदान: एससीईआरटी के निर्देशन में कस्टमाइज की गई पुस्तकों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
इस बदलाव से कक्षा तीन के बच्चों को अब एक नए अंदाज में पढ़ने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी पढ़ाई में रुचि भी बढ़ेगी और समझ भी।