उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन है। कई बार सुनवाई की तारीखें तय होने के बावजूद प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा है। अब इस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को निर्धारित की गई है। पीड़ित अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि इस बार उन्हें न्याय मिलेगा और भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद और अदालतों में लंबी लड़ाई जारी है। अभ्यर्थियों के लिए यह मुद्दा बेहद संवेदनशील बन चुका है क्योंकि लंबे इंतजार और कई तारीखों के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल सका है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कई बार टल चुकी है।
पहले यह मामला लखनऊ हाईकोर्ट में था, जहां डबल बेंच ने एक आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को उस आदेश पर रोक लगाई और 23 सितंबर को सुनवाई के लिए तारीख तय की। लेकिन तब सुनवाई नहीं हो पाई। इसके बाद 15 अक्टूबर और फिर 12 नवंबर को भी समयाभाव के कारण सुनवाई टाल दी गई।
अभ्यर्थी लंबे समय से कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह मामला अब जल्द से जल्द निपटना चाहिए ताकि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में आ रही अड़चनें खत्म हों
मुख्य बिंदु:
- 69000 शिक्षक भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन।
- पिछली कई सुनवाईयां टलने से अभ्यर्थी निराश।
- 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई।
- अगली सुनवाई की तारीखें 23 सितंबर, 15 अक्टूबर और 12 नवंबर को तय हुईं, लेकिन सभी टलीं।
- पीड़ित अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अब उनके मामले में फैसला सुनाएगा।