कांगड़ा जिले में 53 आंगनबाड़ी केंद्रों को नए भवन मिलेंगे, जिनके निर्माण पर प्रति केंद्र 12-12 लाख रुपये खर्च होंगे। इन केंद्रों में बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। कुपोषित और कम वजन वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए, उनके पोषण और स्वास्थ्य की नियमित जांच सुनिश्चित की जाएगी।
कांगड़ा जिले के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित 53 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए सरकारी स्तर पर बड़ा कदम उठाया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंहमार ने सुपैड़ा और गड़घूण क्षेत्रों का दौरा कर आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक केंद्र के भवन निर्माण के लिए 12-12 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
इन भवनों में बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि बच्चों की उपस्थिति और सुविधाओं में सुधार हो सके। सचिव ने यह भी कहा कि हर माह आयोजित पोषण दिवस के दौरान कुपोषित और कम वजन वाले बच्चों की पहचान की जा रही है और उनकी स्वास्थ्य जांच स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर की जा रही है।
कुपोषण को रोकने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर महीने दो बार कुपोषित बच्चों के घर जाकर आवश्यक सलाह देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार की सूची तैयार करने पर जोर दिया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा और अन्य अधिकारियों ने इस मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं का अवलोकन किया। इस कदम से न केवल बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्रों की उपयोगिता और भी बढ़ेगी।
मुख्य बिंदु:
- 53 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण होगा।
- प्रति भवन 12 लाख रुपये की राशि स्वीकृत।
- कुपोषित बच्चों पर रहेगा विशेष ध्यान।
- पोषण दिवस के माध्यम से बच्चों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित।
- दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने पर जोर।