उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव के तहत छह जिलों में स्पेशल एजुकेशन जोन (SEZ) बनाने का निर्णय लिया है। इन जोन में प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा एक ही स्थान पर दी जाएगी। इसका उद्देश्य प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना और उसे आधुनिक शिक्षा हब के रूप में विकसित करना है।
किन जिलों में बनाए जाएंगे स्पेशल एजुकेशन जोन?
शुरुआत में SEZ के लिए लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, आगरा, गौतमबुद्धनगर और बुंदेलखंड के एक जिले का चयन किया गया है। इन जिलों में विशेष प्रकार के शैक्षिक संस्थान विकसित किए जाएंगे, जहां एक ही परिसर में सभी स्तर की शिक्षा उपलब्ध होगी।
लखनऊ में पहला स्पेशल एजुकेशन जोन
पहला SEZ लखनऊ के मोहान रोड पर स्थापित किया जा रहा है, जो 785 एकड़ में फैला होगा। इसे एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें कई शैक्षिक संस्थानों का निर्माण होगा। यहां 103 एकड़ में काम शुरू हो चुका है, और यह SEZ अन्य जिलों के लिए एक मॉडल का काम करेगा।
अन्य जिलों में भी SEZ की तैयारी
अन्य जिलों में भी SEZ की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। गोरखपुर और बुंदेलखंड में भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा, अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज, और गौतमबुद्धनगर में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की खाली जमीन का उपयोग इन जोनों के लिए किया जाएगा। हर SEZ में आठ तक शैक्षिक संस्थानों की योजना बनाई गई है, जिससे प्रदेश में कुल 40 संस्थान स्थापित किए जा सकेंगे।
कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के कोर्स भी होंगे
इन स्पेशल एजुकेशन जोन में कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। कैबिनेट ने उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को स्वीकृति दी है, जिससे विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह नीति शिक्षा क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करेगी, जिससे अनुसंधान और उच्च शिक्षा में विकास होगा।
दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में शिक्षा का योगदान
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य यूपी को दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान रहेगा। इसीलिए शिक्षा को एक इंडस्ट्री के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिससे इसके विस्तार में सहयोग मिलेगा।
आकांक्षात्मक जिलों में खुलेंगे नए विश्वविद्यालय
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल के अनुसार, जहां विश्वविद्यालय नहीं हैं, विशेषकर आकांक्षात्मक जिलों में नए विश्वविद्यालय और उच्च शैक्षिक संस्थान स्थापित किए जाएंगे। बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (MERU) के रूप में इनकी स्थापना होगी। इसके लिए सरकार विशेष सुविधाएं भी दे रही है, जैसे कि स्टांप ड्यूटी में छूट और पूंजीगत अनुदान, ताकि विदेशी विश्वविद्यालयों और टॉप रैंकिंग वाले संस्थानों को आकर्षित किया जा सके।