आयकर विभाग करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नए ई-फाइलिंग पोर्टल 3.0 की तैयारी कर रहा है। यह नया पोर्टल उपयोग में बहुत आसान होगा और इसके माध्यम से आयकर रिटर्न को त्वरित रूप से दाखिल किया जा सकेगा।
आयकर विभाग के अनुसार, वर्तमान में ई-फाइलिंग पोर्टल के साथ इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (आईईसी) 2.0 सिस्टम लागू है। नए आईसीई 3.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य तेज गति वाली आईटी तकनीक को अपनाना है, जिससे आईटीआर को सत्यापित, संसाधित और रिफंड जारी करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
हितधारकों से सुझाव
नए पोर्टल के विकास से पहले आयकर विभाग हितधारकों की राय ले रहा है, ताकि इसे करदाताओं के लिए अधिक उपयोगी बनाया जा सके। विभाग ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न सुझावों और विचारों को एकत्रित करेगी, जिससे पोर्टल में आवश्यक सुधार किए जा सकें।
करदाताओं को मिलने वाले लाभ
- तेजी से प्रोसेसिंग: नया आईटीआर फॉर्म पहले की तुलना में बहुत तेजी से प्रोसेस किया जाएगा।
- सुरक्षित और तेज़: नया पोर्टल अधिक सुरक्षित और तेज़ होगा, जो व्यस्त समय में भी सुचारू रूप से काम करेगा।
- रिफंड में तेजी: रिफंड जारी करने में लगने वाला समय पहले की तुलना में कम होगा।
- सहज ई-फाइलिंग: करदाता बिना किसी बाधा के अपना आईटीआर दाखिल कर सकेंगे।
- तत्काल सूचना: आईटीआर फॉर्म और नोटिस की सूचना तुरंत प्राप्त होगी, जिससे शिकायतों में कमी आएगी।
मौजूदा समस्याएँ
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान आईईसी 2.0 सिस्टम में कई बार तकनीकी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। पोर्टल पर ट्रैफिक बढ़ने से उसकी गति धीमी हो जाती है, और कई बार साइट क्रैश भी हो जाती है, जिससे करदाताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आईईसी प्रोजेक्ट का महत्व
आईईसी प्रोजेक्ट करदाताओं को एक ई-फाइलिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे वे ऑनलाइन आयकर रिटर्न कहीं से भी दाखिल कर सकते हैं। इसके अलावा, अन्य कर संबंधी फॉर्म को डाउनलोड करने और अन्य सेवाओं का उपयोग करने की सुविधा भी मिलती है।