भारत की शिक्षा प्रणाली में सुधार और उसकी मजबूत बुनियाद पर देश के विकास की नींव रखी जा रही है। हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए गए सुधारों ने शिक्षा के बुनियादी स्तर को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। इसके तहत निपुण भारत अभियान की शुरुआत की गई, जिसका लक्ष्य 2027 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा से पहले पढ़ने-लिखने और बुनियादी अंकगणित में दक्ष बनाना है।
इस अभियान ने शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाने के लिए चार प्रमुख सिद्धांत अपनाए हैं:
- संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को एक दिशा में लक्षित करना: इसके लिए शिक्षण का मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि यह समझा जा सके कि बच्चे किस स्तर पर हैं और उनके विकास की दिशा क्या होनी चाहिए।
- शिक्षण पद्धतियों को बेहतर बनाना: अध्यापकों के पेशेवर विकास पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि कक्षाएं अधिक आनंदमय और आकर्षक बन सकें। उदाहरण के लिए, राजस्थान में एआई ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर ने शिक्षकों के ग्रेडिंग समय को 2 घंटे से घटाकर सिर्फ 20 सेकंड कर दिया है।
- नियमित मूल्यांकन से छात्रों के सीखने के नतीजों में सुधार: उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से शिक्षकों को नियमित मूल्यांकन करने में मदद दी है, जिससे छात्रों की प्रगति को मापा जा सके।
- अभिभावकों और समुदायों की भागीदारी: बिहार के कुछ जिलों में ग्राम सभाओं के माध्यम से माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई में कैसे सहयोग कर सकते हैं।
इन सुधारों के साथ, शिक्षा प्रणाली में बुनियादी साक्षरता और अंकगणित की दक्षता को मजबूत किया जा रहा है, ताकि भारत के बच्चे भविष्य में देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
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