सरकार के सामने मांग रखी गई है कि सालाना 8 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया जाए, जिससे आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो सकती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च के अनुसार, यदि 60 से 80 साल के वरिष्ठ नागरिकों को यह टैक्स छूट दी जाती है, तो आईटीआर फाइलिंग में और इजाफा होगा। इस साल 7.3 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरा, और उम्मीद है कि मार्च 2025 तक यह संख्या 9 करोड़ पार कर सकती है। रिपोर्ट में टीडीएस में सुधार की सिफारिश भी की गई है, जिससे आईटीआर फाइलिंग और आसान बनेगी।
“8 लाख रुपये तक की आय हो सकती है टैक्स फ्री, जानें सरकार की योजना और संभावित बदलाव”
मुख्य बिंदु:
- आईटीआर भरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि
- इस साल करीब 7.3 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल किया है।
- मार्च 2025 तक यह संख्या 9 करोड़ को पार कर सकती है।
- 8 लाख तक की आय को टैक्स फ्री करने की मांग
- सरकार के सामने मांग रखी गई है कि सालाना 8 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया जाए।
- इस कदम से आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या और तेजी से बढ़ सकती है।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की संभावना
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 60 से 80 साल के वरिष्ठ नागरिकों को 8 लाख तक की आय पर टैक्स छूट दे सकती है।
- यदि ऐसा होता है, तो आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- असेसमेंट ईयर 2024 – 25 में आईटीआर फाइलिंग को बढ़ाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता
- सरकार को आईटीआर फाइलिंग बढ़ाने के लिए टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
- रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष लगभग 2 करोड़ अतिरिक्त आईटीआर फाइल हो सकते हैं, जिससे कुल संख्या 9 करोड़ से अधिक हो सकती है।
- टीडीएस में बदलाव की सिफारिश
- रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि टीडीएस कटौती और सर्टिफिकेट में सुधार किया जाए, ताकि आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया और सरल बने।
- इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने में सहूलियत होगी।
- आसान हो गई है आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया और फॉर्म को सरल बना दिया है।
- इससे लोग समय पर आईटीआर फाइल कर रहे हैं और अनुशासन का पालन कर रहे हैं।
अगर सरकार 8 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री करती है, तो आईटीआर फाइलिंग में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी यह एक राहत भरा कदम होगा और देश में टैक्सपेयर्स की संख्या में वृद्धि होगी।