नजदीकी विद्यालयों में किया जा सकता है विलय
एटा। परिषदीय विद्यालयों में कई तरह की अनियमितताएं हैं। कहीं शिक्षकों के सापेक्ष छात्र तो कहीं छात्रों के सापेक्ष शिक्षकों की कमी है। ऐसे में 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की सूची तैयार की जा रही है। इनका नजदीकी विद्यालयों में विलय किया जा सकता है। जिले में 1691 परिषदीय विद्यालय संचालित है। इनमें करीब 115000 के लगभग छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी 4446 शिक्षकों की है। लेकिन समस्या यह है कि शिक्षकों और छात्रों का अनुपात सभी विद्यालयों में समान नहीं है। कहीं तो शिक्षकों की संख्या एक-दो और छात्रों की 100 से अधिक है तो कहीं शिक्षक दो तीन हैं तो छात्र 50 से भी कम हैं। ऐसे में पढ़ाई की व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शासन इसको पटरी पर लाने के लिए कवायद कर रहा है। जिसके तहत 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों नजदीकी अधिक संख्या वाले स्कूलों में विलय किए जाने की संभावना देखी जा रही है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल के आधार पर पूर्व में 50 से कम छात्र पंजीकरण वाले विद्यालयां की संख्या 60 से अधिक थी। लेकिन जब अन्य विवरण देखे गए तो यह संख्या गलत पाई गई। सभी खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से ब्लॉक वार विद्यालयों का विवरण लिया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूल के नजदीकी विद्यालयों की क्या स्थिति है? क्या उनमें इन छात्रों को नामांकित किया जा सकता है? सुरक्षा के लिहाज से यह मानक भी देखने हैं कि बच्चों को सड़क, नदी- नहर, रेल की पटरी आदि पार न करनी पड़े। जल्द ही यह पूरी सूचना तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।